उत्तराखंड, उत्तर- पश्चिम भारत में स्थित एक ऐसे राज्य हैं जो 9 नवम्बर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग होकर बना था. उत्तर में स्थित चीन और नेपाल के साथ में अंतर्राष्ट्रीय सीमा साझा करता हैं|उत्तराखंड में पहले उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था, इसके देवताओ की भूमि यानि देवभूमि के रूप में जाना जाता हैं यह एक विशाल हिमालयी क्षेत्र प्रकृति की सुन्दरता और देवतओं के प्रति समर्पण को प्रदर्शित करता हैं. उत्तराखंड(Uttarakhand Famous Place) हिमालय पर्वतमाला में स्थित हैं और इसका अधिकांश क्षेत्र पहाड़ी हैं| लेकिन इसके दो मुख्य क्षेत्र हैं गढ़वाल और कुमाऊ, जिनमे पहाड़ों, घाटियों, नदियों, झीलों, ग्लेशियरो और कई पवित्र मंदिर का आकर्षण, प्रसिद्ध पर्यटक स्थल हैं, जिनमें ऋषिकेश, नैनीताल, मसूरी, हरिद्वार, बद्रीनाथ केदारनाथ और गंगोत्री शामिल हैं|
ऋषिकेश – RishiKesh – Uttarakhand Famous Place
उत्तराखंड राज्य(Uttarakhand Famous Place) में स्थित ऋषिकेश गंगा नदी के तट पर स्थित हैं, ऋषिकेश का अर्थ “ऋषियों के ईश्वर ” या “इद्रियों का ईश्वर” होता हैं यह नाम भगवान विष्णु के ऋषिकेश के रूप से जुड़ा हैं| ऋषिकेश सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि, योग अध्यात्म और एडवेंचर का संगम भी हैं|यह पर कई सारे प्राचीन मंदिर, घाट, सुन्दर वॉटरफॉल भीच और काफी सारे पर्यटक स्थल हैं|

त्र्यंबकेश्वर मंदिर, यह प्राचीन मंदिर भगवान शिव को समर्पित हैं और ऋषिकेश के प्रमुख धार्मिंक स्थलों में से एक हैं|यह मंदिर अपने अनोखे स्थापत्य और अध्यात्मिक ऊर्जा के लिए प्रसिध्द हैं|यहाँ पर आने वाले श्रद्धालु विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं|Uttarakhand Famous Place को जरुर घूमना चाहिए|
देहरादून – Dehradun
देहरादून, उत्तराखंड की राजधानी हैं जो भारत की राजधानी दिल्ली से लगभग 230 किलो मीटर पर स्थित हैं वहीँ देहरादून का महाभारत, रामायण और मौर्य वंश कल से भी खास नाता रहा हैं. देहरादून नगर पर्यटन, शिक्षा, स्थापत्य संस्कृति और प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए प्रसिध्द हैं|यहाँ पर बेहतरीन स्कूल हैं, इसलिए इसे एजुकेशन हब मनाते हैं|

देशप विदेश से हजारों लोग यहाँ हर साल घुमने आते हैं और प्रकृति के बीच रहकर कभी न भूल पाने वाली यादों लेकर लौटते हैं| लेकिन आपको Uttarakhand Famous Place के बारे में जरुर जानना चाहिए|
नैनीताल – Nainital
उत्तराखंड राज्य (Uttarakhand Famous Place)में स्थित नैनीताल एक सुन्दर और प्रसिध्द हिल स्टेशन हैं जो कुमांऊ के क्षेत्र में स्थित हैं इस जगह को झीलों का नगर भी कहा जाता हैं क्योंकि यहाँ पर सबसे सुन्दर झीलें उपस्थित हैं| सबसे प्रमुख झील नैनी झील हैं|जिसकी समुद्र से ऊँचाई लगभग 2084 मीटर हैं यहाँ की जलवायु ठंडी होती हैं|यहाँ से आपको पहाड़ो का दृश्य देखने को मिलेगा| कुछ प्रमुख चीजे भी हैं , नैनी झील, नैना देवी मंदिर, स्नो व्यू पॉइंट(Snow View Point), मॉल रोड, टिफिन टॉप, नैनीताल चिड़ियाघर, इको केव गार्ड आदि, इसके बाद भी बहुत सी चीजे देखने को मिलेगी|

जब आप नैनीताल आने की सोचे तो आपको मार्च से जून में घूम सकते हैं, तब यहाँ गर्मी में ठंड और सुखद मौसम, सितम्बर से नवम्बर में कम भीड़ होता हैं, और दिसम्बर से फरवरी में बर्फ़बारी की देखने के लिए उत्तम हैं|
जिम कार्बेट – Jim Corbett National Park

जिम कार्बेट नेशनल पार्क उत्तरखंड राज्य के नैनीताल जिले में स्थित एक भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान हैं यह उद्यान रामनगर शहर के पास स्थित है. जिम कार्बेट नेशनल पार्क में 50 से अधिक स्तनधारी प्रजातियाँ 580 से अधिक पक्षियाँ की प्रजातियाँ, 25 सरीसृप और उभय चार प्रजतिया देखने को मिलते है|यह के कुछ प्रमुख और आकर्षक चीजे, बंगाल टाइगर, एशियाई हाथी, तेंदुआ भालू,विभिन्न प्रकार के हिरण और पक्षी भी हैं|जो Uttarakhand Famous Place में से एक है|

ये पार्क 15 जून से लेकर 15 नवम्बर तक खुला रहता है, इस समय आप यहाँ पर आकर घूम सकते हैं यहाँ के जानवरों को भी देख सकते हैं|
रानीखेत – Ranikhet Uttarakhand Famous Place

रानीखेत एक सुन्दर पहाड़ी स्टेशन हैं जो उत्तराखंड में स्थित हैं ये अपनी प्राकृतिक सुन्दरता और शांतिपूर्ण वातावरण के लिए जाना जाता हैं, जो कुमांऊ रेजिमेंटल सेंटर और नागा रेजिमेंट का घर हैं| रानीखेत के मुख्य शहर थोड़ा भीड़भाड़ वाला हो सकता हैं| यह एक छावनी शहर हैं, इसकी समुद्र से ऊँचाई लगभग 1869 मीटर(6132 फुट ) की ऊँचाई पर स्थित हैं|

रानी खेत को लंबे समय तक गुमनामी में रहने के बाद अंग्रेजो ने फिर से खोजा|जो 1869 में अंग्रेजो ने यहाँ कुमांऊ रेजिमेंट का मुख्यालय स्थापित किया, अब इस स्टेशन का उपयोग भारतीय गर्मियों की गर्मी से बचने के लिए किया जाता हैं| जो कुमांऊ हिमालय की दो घाटियों के बीच स्थित हैं| रानीखेत घुमाने के सबसे अच्छा समय मार्च से जुलाई तक होता हैं|इसलिए आपको Uttarakhand Famous Place को जरुर घुमना चाहिए|
मसूरी – Masuri
मसूरी एक लोकप्रिय हिल स्टेशन हैं जो भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित हैं मसूरी का पहले नाम मंसूर था जो एक झाड़ी से लिए गया था जिसे 1827 में कैप्टन यंग द्वारा खोजा गया था जो एक साहसी सैन्य अधिकारी थे. मसूरी उत्तर-पूर्व में हिम से ढकी चोटियों और दक्षिण में दून घाटी और शिवालिक श्रेणियों के साथ एक सुन्दर दृश्य प्रस्तुत करता हैं| यहाँ पर पुरे साल भर ठंडा और सुखद मौसम रहता हैं|

मसूरी देहरादून से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित हैं| जहाँ से आप बस टैक्सी लेकर आ सकते हैं|यहाँ पर आपको रहने के लिए आवास मिल जाते हैं जैसे- होटल, गेस्ट हाउस| मसूरी गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों का प्रवेश द्वार भी हैं मसूरी Uttarakhand Famous Place में से एक हैं जिसे आपको घुमाना चाहिए|
औली – Auli
भारत में के सबसे अच्छे स्कीय इंग स्थलों में से एक हैं औली, औली Uttarakhand Famous Place की सबसे खुबसूरत जगहों में से एक हैं| यहाँ के नेचुरल ब्यूटी तथा बर्फ से ढके पहाड़, जंगली फुल, हरी-भरी वनस्पतियाँ आपका मोह लेती हैं|इसलिए औली को भारत का मिनी स्विट्जर्लैंड कहाँ जाता हैं| औली में घुमने लायक जगहों में से एक हैं, छात्रकुंड झील, नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान, तथा कुछ दर्शनीय स्थान व पहाड़ भी हैं|

औली में 4 किलीमीटर की दुरी तय करने वाली केबल कार गुलमर्ग के बाद एशिया की दूसरी सबसे ऊँची और लम्बी केबल कार हैं| यहाँ की मानव निर्मित औली की कृत्रिम झीलें सर्दियों में देखने लायक होती हैं| औली Uttarakhand Famous Place में बर्फीली जगह हैं|
हरिद्वार – Haridwar
हरिद्वार, गंगा नदी के तट पर स्थित एक शहर हैं जो उत्तराखंड में स्थित हैं, जिसे देवतओं का प्रवेश द्वार भी कहाँ जाता हैं, गंगा नदी को स्वर्ग से पृथ्बी पर लाने के लिए राजा भागीरथ ने तपस्या की थी, जिससे बाद गंगा नदी हरिद्वार में अवतरित हुई. हरिद्वार को गंगा द्वार भी कहा जाता हैं क्योंकि गंगा नदी यही से हिमायल से उतरकर मैदान क्षेत्र में प्रवेश करती हैं|

हरिद्वार में हर बारह साल में कुम्भ मेले का आयोजन करता है, जो दुनिया भर के हिन्दू तीर्थ यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन हैं|लेकिन ये Uttarakhand Famous Place में से एक हैं|

दोस्तों अगर आप हरिद्वार घुमाने आ रहे हैं तो आपको ये चार मंदिर जरुर घूमना चाहिए, इसके बिना आपकी यात्रा अधूरी मानी जाएगी, माँ मनसा देवी, माता चंडी देवी, दक्ष मंदिर, बिल्केश्वर महादेव मंदिर|
केदारनाथ – Kedarnath
केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड राज्य में स्थित एक प्रसिध्द मंदिर हैं जहाँ पर भगवान शिव की से जुड़ा हैं, मंदिर की स्थापना का श्रेय पांडवो को दिया जाता हैं|कहाँ जाता हैं कि महाभारत के युध्द के बाद पांडवो ने अपने भाइयो और रिश्तेदारों की हत्या के पाप से मुक्ति के लिए भगवान शिव की खोज में केदारनाथ की यात्रा की थी|

शिव जी ने पांडवो को दर्शन देने के लिए एक बैल का रूप धारण किया था लेकिन भीम ने उन्हें पहचान लिया था और शिव जी को अपना रूप बदलने के लिए मजबूर किया था |

ये केदारनाथ मंदिर 12 ज्योति लिंगो में से एक हैं ये मंदिर चार धाम में भी माना जाता हैं जो एक बहुत ही पवित्र स्थान माना जाता हैं| हिन्दू धर्म के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल हैं| जो Uttarakhand Famous Place में गिनना जाता हैं|
धनौल्टी – Dhanaulti
धनौल्टी उत्तराखंड राज्य(Uttarakhand Famous Place) में स्थित एक बहुत ही सुंदर और खुबसूरत हिल स्टेशन हैं जो गढ़वाल जिले में स्थित हैं, यदि आप घुमने आते हैं तो आपको धनौल्टी जरुर घूमना चाहिए. यहाँ पर जितनी भी जगह हैं दिल खुश कर देने वाली हैं|जो मसूरी से लगभग 24 किलोमीटर पर स्थित हैं| जो अपने शांतिपूर्ण वातावरण और प्राकृतिक सुन्दरता के लिए प्रसिध्द हैं|

धनौल्टी के पास कुछ ऐसे प्लेस हैं जिन्हें आपको भूलना नहीं हैं 3 ऐसे प्लेस जहाँ आपको जरुर विजिट करना चाहिए, तेहरी डेम(Tehri Dam ), माँ सुरकंडा देवी मंदिर(Maa Surkanda Devi Temple), कनाटल(Kanatal) ये सब Uttarakhand Famous Place हैं|
Qutub Minar Timing and All About Important Thing हिंदी में
मुक्तेश्वर – Mukteshwar

मुक्तेश्वर धाम उत्तराखंड राज्य में नैनीताल जिले में स्थित मुक्तेश्वर मंदिर जो 350 साल पुराना हैं|ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित हैं जहाँ पर भगवान शिव की पूजा होती हैं|यह मंदिर धार्मिकस्थल के साथ- साथ पर्यटक स्थल भी हैं जहाँ पर पर लोग घुमने आते है और शिव जी के दर्शन भी हो जाते हैं| यहाँ पर आने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और नवम्बर से फरवरी होता हैं|

मुक्तेश्वर धाम किस लिए प्रसिध्द हैं?
नैनीताल जिले में मुक्तेश्वर कस्बे में स्थित ये मंदिर 350 साल पुराना हैं, यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित हैं और भगवान शिव के भक्तो के बीच बहुत प्रसिध्द हैं|ये सब Uttarakhand Famous Place हैं|
मुक्तेश्वर क्यों प्रसिद्ध हैं?
मुक्तेश्वर हिमालय के लुभावने दृश्यों और अपने हरे भरे जंगलो के लिए जाना जाता हैं| जहाँ पर विभिन्न प्रकार के वनस्पतियों और जीवो का घर हैं|
मुक्तेश्वर मंदिर की कहानी क्या हैं?
कुछ कहानियो में कहा गया हैं कि पांड्वो के दौरान अज्ञात वास के समय इसी स्थापना क्या था| उसी के साथ – साथ ये सब Uttarakhand Famous Place भी हैं|
बागेश्वर – Bageshwar
बागेश्वर या बागधाम मंदिर उत्तराखंड राज्य के बागेश्वर जिले में स्थित एक ऐसे शिव मंदिर हैं जो उत्तर भारत का एक ऐसे मंदिर, जो दक्षित मुखी हैं जिसका जल पूरब गिरता हैं यह सरयू और गोमती नदी के तट पर संगम हैं| ये भी Uttarakhand Famous Place हैं|
बागेश्वर के प्रसिद्ध मंदिर कौन सा हैं?
बागनाथ मंदिर जो बागेश्वर का सबसे प्रसिद्ध मंदिर हैं|
बागेश्वर उत्तराखंड किस लिए प्रसिद्ध हैं?
बागेश्वर अपने सुंदर वातावरण, ग्लेशियरों, नदियों, पहाड़ो और मंदिर के लिए प्रसिद्ध हैं|
फूलों की घाटी उत्तराखंड – Valley of flowers in Uttarakhand
फूलों की घाटी एक बहुत ही प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान हैं जो उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित हैं|ये अपने विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों के लिए जाना जाता हैं| ये नन्दा देवी बायो स्फियर रिजर्व का हिस्सा था|जिसे 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था| जिसे 2005 में यूनेस्को के द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया हैं
यह घाटी अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए जाना जाता है जिसमें आपको 500 से अधिक प्रकार के फुल देखने को मिल जायेंगे जो अगल – अलग मौसल में खिलते है| फूलों की घाटी घुमने का सबसे अच्छा समय जुलाई से सितम्बर के बीच होता हैं इस समय सबसे अधिक फूल खिले होते हैं|ये सब Uttarakhand Famous Place हैं|
फूलों की घाटी कहाँ पर स्थित हैं?
यह उत्तराखंड के चमेली जिले में नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित हैं|लेकिन ये Uttarakhand Famous Place भी हैं|
फूलों की घाटी कब खुलेगीं?
फूलों की घाटी हर साल 1 जून को खुलती हैं और 31 अक्टूबर तक खुली रहती हैं. जो सुबह 7 बजे से शाम को 5 बजे तक खुला रहता हैं|
फूलों की घाटी कहाँ पाई जाती हैं?
फूलों की घाटी उत्तराखंड के चमोली जिले में एक खुबसूरत और मनमोहक जगह हैं| जो आपको Uttarakhand Famous Place में देखने को मिलेगा|
रुद्रप्रयाग – Rudraprayag
रुद्रप्रयाग का नाम भगवान शिव के नाम पर रखा गया हैं जहाँ पर अलक नन्दा और मंदाकिनी नदियों के संगम पर स्थित हिं यह पांच प्रयोगों के साथ ही अलक नंदा नदी के पांच संगम में से एक हैं जो शिव और जगदम्बा मंदिर धार्मिक महत्त्व के मंदिर हैं|
इस जिले में प्रसिद्ध पर्यटकों स्थलों में गुप्तकाशी, उखीमठ, चोपता, गौरीकुंड और केदारनाथ हैं| केदारनाथ मंदिर 12 ज्योतिलिंगों में से एक हैं| जो चारधाम अरु पाचं केदार में भी गिना जाता हैं| इसी के साथ ये Uttarakhand Famous Place भी हैं|
रूद्रप्रयाग किस लिए प्रसिद्ध हैं?
रुद्रप्रयाग उत्तराखंड में अलक नंदा और मंदाकिनी नदियों के संगम पर स्थित एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल हैं. यह चार धाम यात्रा के लिए एक महत्वपूर्ण जंक्शन हैं|
रुद्रप्रयाग में क्या खास हैं?
एक प्रतिष्ठित धार्मिक स्थल होने के कारण, रुद्रप्रयाग में अधिकंश दार्शनिक स्थल धार्मिक महत्त्व रखते हैं|जो Uttarakhand Famous Place में आते हैं|
रूद्र प्रयाग का दूसरा नाम क्या हैं?
रुद्रप्रयाग का दूसरा नाम केदारनाथ भी हैं.
भीमताल – Bhimtal
भीमताल उत्तराखंड राज्य में नैनीताल जिले में स्थिल एक झीलों वाला शहर हैं जहाँ पर आपको बहुत से झीले देखने को मिलते हैं भीमताल झील अपनी प्राकृतिक सुन्दरता और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध हैं जिसमे आप नौका विहार का मजा ले सकते हो| ये नैनीताल से भी पुराना हैं| ये सब Uttarakhand Famous Place हैं| इस झील के बीच पर एक टापू मछली घर हैं जहाँ पर विभिन्न प्रकार की मछली पाई जाती हैं|
पिथौरागढ़ – Pithoragarh
पिथौरागढ़ उत्तराखंड राज्य में स्थित एक शहर हैं जिसका पुराना नाम सोरघाटी हैं| सोरघाटी दो शब्दों से मिलकर बना हैं सोर का अर्थ- सरोवर हैं कहाँ जाता है कि पहले इस घाटी में 7 सरोवर थे दिन प्रतिदिन सरोवरों का पानी सूखता चला गया| उसके बाद यहाँ पर पठारों का जन्म हुआ, पठारी भूमि होने के कारण इसका नाम पिथौरा गढ़ पड़ गया.ये Uttarakhand Famous Place में आते हैं|
सुनो यार सुना हैं एक शहर हैं पिथौरा गढ़, बड़ी फुसतो में लोग जीते हैं उधर, किसी से पूछो जो रास्ता तो पते पर छोड़ आते हैं सुना हैं उधर बर्फीले पहाड़ भी नजर आते हैं, एक झरना हैं वाह जो बहुत ही खूब सूरत हैं तुम कहो तो चले हैं कभी उधर|
पिथौरागढ़ क्यों प्रसिद्ध हैं?
यह अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए लोक प्रिय हैं और इसे व्यापक रूप से छोटा कश्मीर के रूप में जाना जाता हैं
पिथौरागढ़ में कौन-कौन से प्रसिद्ध मंदिर हैं?
पिथौरागढ़ में कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, हाट कलिका मंदिर, मोस्ता मंदिर,उल्का देवी मंदिर, धवज मंदिर, अर्जुन्नेश्वर मंदिर हैं|
पिथौरागढ़ के राजा कौन था?
कत्युरी और चंद राजवंशों दो राजा थे|
पिथौरागढ़ में कौन सी नदी बहती हैं?
पिथौरागढ़ में सरयू नदी बहती हैं|
उत्तरकाशी – Uttarkashi
उत्तरकाशी उत्तराखंड राज्य में स्थित एक प्रसिद्ध जिला हैं यह जिले का मुख्यालय भी हैंऔर हिमायल में भागीरथी नदी के किनारे 1158 मीटर की ऊँचाई पर बसा हुआ हैं|ये Uttarakhand Famous Place में आता हैं|
उत्तरकाशी किस राज्य में स्थित हैं?
उत्तरकाशी उत्तराखंड राज्य में हैं|
उत्तरकाशी किस लिए प्रसिद्ध हैं?
उत्तरकाशी जिले की भूमि भारतीयों द्वारा सदियों से पवित्र मानी जाती हैं जहाँ पर ऋषियों और मुनियों ने सांत्वना और अध्यात्मिक और तपस्या की और देवताओं ने अपने बलिदान किए|
मुनस्यारी – Munsiyari
मुनस्यारी एक बहुत ही सुन्दर हिल स्टेशन हैं जो उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित हैं इसके कुमाऊनी में मुनस्यार भी कहाँ जाता हैं ये हिलामय की बर्फीली चोटियों पर बसा हैं|मुनस्यारी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए जाना जाता हैं और इसे मिनी कश्मीर भी कहा जाता है ये Uttarakhand Famous Place में आता हैं|
टाइगर फॉल चकराता – Tiger Fall Chakrata
टाइगर फॉल उत्तराखंड का सबसे बड़ा झरना हैं जहाँ पर आपको झरने के पानी एक छोटे से तालाब में गिरता हैं| झाने की ऊँचाई लगभग 50 मीटर हैं| झरने के गिरने के पानी की आवाज बाघ की दहाड़ जैसी होती हैं जिसके कारण इसका नाम टाइगर फॉल पड़गा|टाइगर फॉल उत्तराखंड के चकराता क्षेत्र में स्थित हैं| इस झरने की प्राकृतिक सुन्दरता को देखने के लिए खासकर गर्मियों के महीनों में पर्यटक आते हैं|ये Uttarakhand Famous Place में आता हैं|
टाइगर वॉटरफॉल कहाँ स्थित हैं?
टाइगर फॉल भारत के उत्तराखंड में चकराता के पहाड़ी इलाकों में छिपे हुए हैं|
टाइगर फॉल को टाइगर फॉल क्यों कहा जाता हैं?
यहाँ पर झरने का पानी गिरता हैं तो उसमे से बाघ के जैसे आवाज आती हैं इसलिए इसे टाइगर वाटर फॉल कहा जाता हैं|
चमोली – Chamoli
चमोली उत्तराखंड राज्य में स्थित के जिला हैं जो अलक नंदा नदी किनारे बद्रीनाथ मार्ग पर स्थित हैं ये अपने प्राकृतिक सुन्दरता और धार्मिक महत्त्व के लिए जाना जाता हैं|चमोली हिमालय के बीच में स्थित हैं और इसके पर्वत सालों भर बर्फ से ढके रहते हैं|यहाँ पर पर्यटकों के रहने के लिए चाती नामक झोपड़ियाँ बनी हुई हैं|
चमोली एक संस्कृत शब्द “चंद्रमोली” से लिया गया हैं जिसका अर्थ हैं वह जो अपने सर पर चंदमा को धारण करता हैं अर्थात “भगवान शिव” ये Uttarakhand Famous Place में आता हैं|
चमोली का पुराना नाम क्या था?
चमोली का पुराना नाम केदार खंड था जो कि पुराणों में भगवान का निवास माना जाता था|
चमोली किस लिए प्रसिद्ध हैं?
गढ़वाल क्षेत्र के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल जैसे बद्रीनाथ मंदिर, औली,हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, गोपीनाथ मंदिर, तुंगनाथ, चोपता,उखीमठ आदि पास में ही स्थित हैं|
चमोली का मतलब क्या होता हैं?
चमोली एक संस्कृत शब्द “चंद्रमोली” से लिया गया हैं जिसका अर्थ हैं वह जो अपने सर पर चंदमा को धारण करता हैं अर्थात “भगवान शिव” का प्रतीक हैं|
कौसानी – Kausani
कौसानी उत्तराखंड( Uttarakhand Famous Place) राज्य के बागेश्वर जिले में स्थित एक हिल स्टेशन हैं जहाँ से आपको हिमालय की खूबसूरती के दर्शन कराता कौसानी पिंगनाथ छोटी पर बसा हैं|यहाँ से बर्फ से ढके नंदा देवी पर्वत की चोटी का नजारा बड़ा भव्य दिखाई देता हैं कोसी और गोमती नदियों के बीच बसा कौसानी भारत का स्विट्जरलैंड भी कहा जाता हैं|
कौसानी के लिए कितने दिन काफी हैं?
कौसानी घुमाने के लिए कम से कम 2 दिन काफी हैं |
कौसानी में कौन सी नदी बहती हैं?
कौसानी में कोसी नदी बहती हैं जो क्षेत्र प्राकृतिक सुन्दरता को बढ़ता हैं|
कौसानी में बर्फबारी कब होती हैं?
दिसम्बर और जनवरी के महीने सर्दियों के महीनों में बर्फ़बारी होती हैं|
कौसानी का पुराना नाम क्या हैं?
कौसानी का पुराना नाम वलना था|
हरसिल – Harsil
हरसिल उत्तराखंड राज्य उत्तरकाशी जिले में स्थित एक हिल स्टेशन हैं जो भागीरथी नदी के तट पर स्थित हैं|जो गंगोत्री ग्लेशियर से निकलती हैं|हरसिल सेब की खेती के बहुत प्रसिद्ध हैं| इसी समुद्र ताल सी ऊँचाई 2745 मीटर (9005 फिट) की ऊँचाई पर स्थित हैं|ये Uttarakhand Famous Place में आता हैं|
हरसिल किस लिए प्रसिद्ध हैं?
यह हिल स्टेशन अपने प्रक्रितक वातावरण और सेब उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं|
हर्षिल वैली उत्तराखंड में कहाँ स्थित हैं?
उत्तराखंड का मुकुट मानी जाती हैं, जो उत्तरकाशी जिले में स्थित हैं|
हर्षिल का हिंदी में क्या अर्थ हैं?
हर्षिल का हिंदी में अर्थ हैं खुश, आनंदित और प्रसन्न |
अल्मोड़ा – Almora
अल्मोड़ा उत्तराखंड का एक प्रसिद्ध नगरपालिका और छावनी नगर है| ये वाही अल्मोड़ा जिला जो सभी जिलों का मुख्यालय हैं| इस राज्य के कुमांऊ क्षेत्र की सांस्कृतिक राजधानी माना जाता हैं|ये अल्मोड़ा हिमालय की कुमांऊ के पहाडियों की दक्षिण ढलानों में बसा हुआ हैं| इस नगर के समीप कोसी नदी और सुयाल नदी बहाती हैं. ये पर्यटक के लिए प्रसिद्ध हैं| अल्मोड़ा का दशहरा देशभर में प्रसिद्ध है. इसे भारत का सबसे बड़ा दशहरा माना जाता हैं|
अल्मोड़ा किस लिए प्रसिद्ध हैं?
उत्तराखंड की सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा का दशहरा देशभर में प्रसिद्ध है. इसे भारत का सबसे बड़ा दशहरा माना जाता हैं|
अल्मोड़ा क्यों प्रसिद्ध हैं?
अल्मोड़ा अपनी आकर्षक सुन्दरता, हिमालय के मनोरम दृश्य, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, अद्वतीय हस्तशिल्प और स्वादिष्ट व्यजनों के लिए प्रसिद्ध हैं|
अल्मोड़ा का पुराना नाम क्या था?
चंद किंग्स के दिनों में इसे राजापुर कहा जाता था|प्राचीन राजस्थान तांबे की कई जगहों पर भी राजपुर का नाम दिया गया हैं|ये Uttarakhand Famous Place में आता हैं|
अल्मोड़ा में कौन सी नदी बहती हैं?
अल्मोड़ा में मुख्य रूप से कोशी नदी(कौशिकी) और सुयाल नदी (शाल्मली) बहती हैं|
चोपता – Chopta
चोपता एक सुन्दर और शांत हिल स्टेशन हैं जो उत्तराखंड में स्थित हैं, ये वाही चोपता हैं जिसे उत्तराखंड का मिनी स्विट्जरलैंड कहा जाता हैं क्योंकि यह हरे-भरे घास के मैदानों और बर्फ से ढके हिमालयी चोटियों के साथ एक सुन्दर दृश्य प्रस्तुत करता हैं. ये जगह अपने प्राकृतिक सुन्दरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता हैं|
चोपता उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित हैं यहाँ पर तुंगनाथ मंदिर और चंद्रशिला चोटी की यात्रा के लिए एक लोकप्रिय आधार माना जाता हैं| देवरिया ताल, जो चोपता के पास एक खुबसूरत झील हैं जो ट्रेकिंग के लिए अच्छा पड़ाव हैं|ये Uttarakhand Famous Place में आता हैं|
लौंसडाउन – Lansdowne
चोपता क्यों प्रसिद्ध हैं?
यह पृष्ठ भूमि में बर्फीली हिमालय की चोटियों के साथ हरे-भरे हरियाली के शानदार दृश्य प्रस्तुत करता हैं|
चोपता घुमने का सबसे अच्छा समय कब हैं?
चोपता की यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय(अप्रैल – जून) और सर्दियों (अक्टूबर – दिसम्बर ) होता हैं|
चोपता हिल स्टेशन की ऊँचाई कितनी हैं?
यह समुद्र तल से 2,709 मीटर (8,888 फिट ) की ऊँचाई पर स्थित हैं|
चोपता में कौन सा मंदिर हैं?
ऊखीमठ ओंकारेश्वर मंदिर जिसे शीतकालीन केदारनाथ के नाम से भी जाना जाता हैं|
कनाटल – Kanatal
कनाताल एक शांत और सुन्दर हिल स्टेशन हैं जो अपने शांत वातावरण के लिए जाना जाता हैं| यहाँ पर सेब की खेती के लिए सबसे प्रसिद्ध हैं ये उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले में स्थित हैं कनाताल में चारों और हरे- भरे जंगल और पर्वत श्रृंखलाए हैं|जिसकी समुद्र ताल से लगभग 8500 फिट हैं| यहाँ पर गर्मियों के दौरान (अप्रैल से जून ) तक, और सर्दियों में नवम्बर से फरवरी तक घुमने आ सकते हैं|
कनाताल में बर्फ कब गिरता हैं?
सर्दी के मौसम में कनाताल बर्फ से ढका एक अद्भुत स्थान बन जाता हैं जो बर्फ के शौकीनों और प्रकृति प्रेमियों को समान रु से आकर्षित करता हैं|
कनाताल के पास कौन सा railway स्टेशन हैं?
कनाताल से जुड़े दो निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून और ऋषिकेश है|ये Uttarakhand Famous Place में आता हैं|
कनाताल की ऊँचाई कितनी हैं?
कनाताल लगभग 8,500 फीट( 2,600 मीटर) की ऊँचाई पर स्थित हैं|
बिनसर – Binsar
बिनसर एक छोटा सा हिल स्टेशन हैं जो उत्तराखंड के कुमांऊ में स्थित हैं यह शहर हरियाली और जंगल से घिरा और घाटी की शानदार सुन्दरता पेश करता हैं जिसकी समुद्र ताल से ऊँचाई 2,480 मीटर हैं. बिनसर में वन्य जीव पाए जाते हैं जैसे- तेंदुए, पहाड़ी बकरिया और भौकने वाले हिरण| यहाँ पर महादेव मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित है, बिनसर में हिमालय की चोटियों – नंदा देवी, नंदा कोट, केदारनाथ, चौखम्बा त्रिशूल आदि| का सुन्दर दृश्य देखने को मिलता हैं|
बिनसर क्यों प्रसिद्ध हैं?
गणेश, हर गौरी और महेशमर्दिनी की मूर्तियों वाले मंदिर अपनी स्थापत्य कला के लिए जाना जाता हैं|
बिनसर महादेव रानीखेत का इतिहास क्या हैं?
इस मंदिर का निर्माण महाराजा पृथु ने अपने पिता बिंदु की याद में 9 वी/10 शताब्दी में करवाया था|
समुद्र तल से बिनसर की ऊँचाई कितनी हैं?
इसकी ऊँचाई 2,420 मीटर की ऊँचाई हैं.ये Uttarakhand Famous Place में आता हैं|
लंढौर – Landour
लंढौर उत्तराखंड के मसूरी के पास स्थित एक छोटा सा छावनी शहर हैं| जो एक लोकप्रिय हिल स्टेशन हैं ये अक्सर एक पूर्ण और कम जान पहचान के लिए मसूरी जाना जाता हैं लंढौर मसूरी से सिर्फ 7 किलोमीटर दूर हैं. मसूरी का एक हिस्सा माना जाता हैं|लंढौर अपने हरे-भरे जंगलों और ट्रेकिंग ट्रेवल के लिए जाना जाता हैं|ये Uttarakhand Famous Place में आता हैं|
लंढौर का इतिहास क्या हैं?
लंढौर का निर्माण ब्रिटिश भारतीय सेना के लिए किया गया था और पहला सैनिटोरियम 1827 में बनाया गया जो वर्तमान में डी आर डी ओ के कब्जे में हैं|
क्या लंढौर घुमने लायक हैं?
गर्मी में चिलचिलाती गर्मीं सेबचने के लिए लंढौर घुमाने आते हैं, छिपे हुए रास्तो, विरासत भवनों और प्रसिद्ध दुकान कैफे न अन्वेषण करें,पक्षी दर्शन और आसान ट्रेक जैसी आउटडोर गतिविधियों का आनंद ले|
मंसूरी छावनी की स्थापना कब हुई थी?
मंसूरी लंढौर की स्थापना 1825 में लंढौर में कैप्टेन फ्रेडरिक यंग द्वारा बनाई गई थी|
लंढौर के पास कौन सा रेलवे स्टेशन हैं?
लंढौर से निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून रेलवे स्टेशन हैं|
सातताल – Sattal
सातताल सात झीलों का एक समूह हैं जो उत्तराखंड के कुमांऊ क्षेत्र में नैनीताल जिले में स्थित हैं ये झीलें मीठे पानी की झील हैं| ये जगह घने ओक और देवदार के पेड़ों के जंगलों से घिरी हुई हैं| यह जगह प्रकृति प्रेमियों, समूहों परिवारों और मौज मस्ती करने वाले पर्यटकों के लिए एक लोक प्रिय स्थान हैं| इस सात झीले के नाम इस प्रकार हैं- नल दमयंती झील, गरुड़ झील, राम झील, लक्ष्मण झील, सीता झील, सुख झील, और पूर्ण झील.
सातताल क्या हैं?
सात तल दो शब्दों से मिलकर बना हैं पहला- सात झीलों वाला एक खुबसूरत पर्यटक स्थल उत्तराखंड, दूसरा धार्मिक मान्यताओं, पृथ्वी के नीचे के सात लोक|
सात तल झील कहाँ स्थित हैं?
नैनीताल से लगभग 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं|
सात तालों के नाम क्या हैं?
सात झीले के नाम इस प्रकार हैं- नल दमयंती झील, गरुड़ झील, राम झील, लक्ष्मण झील, सीता झील, सुख झील, और पूर्ण झील.
नौकुचियाताल – Naukuchiatal
नौकुचियाताल एक बहुत की खुबसूरत झील हैं जिसे नौ कोनो की झील कहा जाता हैं यही कारण हैं कि ये झील सभी झीलों से अलग बनती हैं| इसका झील का पानी बहुत साफ हैं जो गहरे नीले रंग का दिखाई देता हैं जो उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित हैं|

नौकुचियाताल कहाँ हैं ?
नौकुचियाताल झील नैनीताल से 26 किलोमीटर तथा भीमताल से 4 किलोमीटर दूरी पर स्थित हैं|
नौकुचियाताल का इतिहास क्या हैं?
नौकुचियाताल माना जाता हैं कि स्थानीय लोगों की कड़ी तपस्या के बाद भगवान ब्रह्मा के आशीर्वाद से बनाया गया था|
नौकुचियाताल भारत में कहाँ स्थित हैं?
भारत के उत्तराखंड के कुमांऊ के नैनीताल जिले में नैनीताल शहर के पास एक छोटा सा हिल स्टेशन और झील हैं|
गुप्तकाशी – GuptKashi
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक छोटा सा शहर गुप्तकाशी हैं, जिसे छिपी हुई बनारस भी कहा जाता हैं ये शहर केदारनाथ मंदिर की यात्रा का पहला पड़ाव हैं गुप्तकाशी में प्रसिद्ध मंदिर विश्वनाथ मंदिर स्थित हैं जो भगवान शिव को समर्पित हैं|केदारनाथ जाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण मार्ग हैं|

गुप्तकाशी की कहानी क्या हैं?
गुप्तकाशी के नाम का अर्थ हिं छिपा हुआ बनारस , जो महाभारत के महाकाव्य से इसके संबंध को दर्शाता हैं, जहाँ युद्ध के बाद पांड्वो द्वारा भगवान शिव के प्रथम दर्शन यही हुए थे|
गुप्तकाशी में कौन सी नदी बहती हैं?
यहाँ गंगा और यमुना के दो नदियों को मिलना माना जाता हैं जो गुप्तकाशी में मुख्य आकर्षण हैं|
गुप्तकाशी का नाम गुप्तकाशी क्यों पड़ा?
पांडवो को देखकर भगवान शिव वही छुप गए थे|
गौमुख – Gaumukh
गौमुख जो उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित हैं इसे गंगोत्री ग्लेशियर का अंतिम छोर हैं और जो भागीरथी नदी का उद्गम स्थल हैं जो गंगा नदी के मुख्य धारा हैं गौमुख एक पवित्र हिन्दू तीर्थ स्थल हैं जिसे गंगा नदी के स्त्रोत के रूप में इसका एक विशेष आध्यात्मिक महत्त्व हैं|

पुराणों में गोमुख का उल्लेख मिलता हैं कहा जाता हैं की एक बालक खोई हुई भेड़ को खोजता हुआ गंगोत्री के एक ग्लेशियर के पास पहुंचा, जिसकी थूथन बिल्कुल गाय जैसी दिख रही थी इसलिए इसका नाम गौमुख पड़ा|
गौमुख की कहानी क्या हैं?
एक बालक खोई हुई भेड़ को खोजता हुआ गंगोत्री के एक ग्लेशियर के पास पहुंचा, ग्लेशियर में थूथन गाय के चेहरे जैसी थी जिसके कारण इस प्राकृतिक आश्चर्य का नाम गौमुख पड़ा|
गौमुख क्यों प्रसिद्ध हैं?
एक बालक खोई हुई भेड़ को खोजता हुआ गंगोत्री के एक ग्लेशियर के पास पहुंचा, जिसकी थूथन बिल्कुल गाय जैसी दिख रही थी इसलिए इसका नाम गौमुख पड़ा|
गोमुख में पानी कहाँ से आता हैं?
मुख्य रूप से ग्लेशियर की बर्फ पिघलने से आता हैं, फिर पिघलते बर्फ से भागीरथी नदी निकलती हैं|
देवप्रयाग – Devprayag
देवप्रयाग पंच प्रयागों में से एक हैं और यह अलकनंदा नदी और भागीरथी नदी से संगम होता हैं, इस संगम को सयुक्त नदी गंगा कहलाती हैं| ये एक धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल हैं|यहाँ पर रघुनाथ मंदिर भी स्थित हैं|और अलकनंदा नदी के तट पर बद्रीनाथ धाम स्थित हैं|अलकनंदा नदी को विष्णु गंगा के नाम से भी जाना जाता हैं|

देवप्रयाग में क्या खास हैं?
देवप्रयाग वह स्थान हैं जहाँ पर भागीरथी और अलकनंदा नदी मिलती हैं जिसे गंगा के नाम से जाना जाता हैं|
देवप्रयाग में किस भगवान का मंदिर हैं?

रघुनाथ मंदिर, जो भगवान विष्णु को समर्पित हैं|
देवप्रयाग में कौन सी नदी आकर मिलती हैं?
देवप्रयाग में भागीरथी और अलकनंदा नदी आकर मिलती हैं इसके संगम को गंगा के नाम से जाना जाता हैं|
देवप्रयाग में कितनी नदियों का संगम होता हैं?
देवप्रयाग में भागीरथी और अलकनंदा नदियों का संगम हैं दो नदियों का संगम हैं|
भवाली – Bhowali

भवाली उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित एक शांत वातावरण और खुली जगह होने के कारण “भवाली ” कुमांऊ की एक शानदार नगरी हैं| यहाँ पर फलो की एक मंडी हैं|यह एक ऐसा केंद्र बिंदु हैं जहाँ से हल्द्वानी और नैनीताल, अल्मोड़ा-रानी खेत, भीमताल सातताल और रामगढ मुक्तेश्वर आदि स्थानों के लिए अलग – अलग मोटर मार्ग जाते हैं|
पाताल भुनेश्वर – Patal Bhuneshwar

पाताल भुवनेश्वर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित एक गुफा हैं| जिसे भगवान शिव का मंदिर माना जाता हैं|ये गंगोलीहाट से 14 किलोमीटर उत्तर भुनेश्वर नामक गावं में स्थित हैं| ये एक प्राकृतिक चूना पत्थर की गुफा हैं जो 160 मीटर लम्बी और 90 फीट गहरी हैं|माना जाता हैं इस गुफा में 33 करोड़ देवी देवता निवास करते हैं|
तुंगनाथ मंदिर – Tungnath Mandir
दुनिया का सबसे ऊँचा मंदिर तुंगनाथ मंदिर की बात करते हैं जो एक प्राचीन मंदिर हैं और भगवान शिव को समर्पित हैं ये उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित हैं जिसकी समुद्र ताल से ऊँचाई 3,680 मीटर हैं इसे पांच पंच केदार मंदिरों में से सबसे ऊँचा है|

मंदिर का इतिहास पांडवो से जुड़ा हैं पौराणिक कथा के अनुसार पांडवो ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस मंदिर का निर्माण किया था|
तुंगनाथ मंदिर जाने के लिए आपको चोपता नामक एक छोटे से गावं से 3 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती हैं| ये मंदिर नवम्बर से मार्च के बीच भारी बर्फ़बारी के कारण बंद रहता हैं| अप्रैल से नवम्बर के बीच खुला रहता हैं तब आप भगवान शिव के दर्शन कर सकते हैं
निष्कर्ष – Conclusion
दोस्तों हमें आपको उत्तराखंड के famous प्लेस के बारे बताया हैं जिसमे हमने उत्तराखंड के ज्यादा से ज्यादा स्थान को शोर्ट में सूचना देने की कोशिश की हैं|यदि आप उत्तराखंड घुमने जाते हैं तो आपको ज्यादा से ज्यादा जगह के बारे में जन लेना चाहिए| इस लेख में उन सभी जगह के बारे में बताया गया हैं जहाँ पर आपको जरुर घूमना चाहिए|यदि आपको इस लेख से कुछ सीखने को मिला हो तो आप अपने दोस्तों को भी शेयर कर सकते हैं|धन्यवाद आपका अपना दोस्तों धर्मराज/Dharamraj