Agrasen ki Baoli से जुड़े important बाते और भुतिया कहानी 2025

जब बात आती हैं दिल्ली घुमने की तो आपको दिल्ली में घुमने के लिए बहुत से जगह मिल जाएगा, लेकिन ऐसे अनोखी और रहस्यमयी जगह हैं|जो उसी शहर में स्थित हैं|वो कोई और नहीं बल्कि प्राचीन बावड़ी अग्रसेन की बावली(Agrasen ki Baoli) हैं|इसकी सुन्दरता और देहाती आकर्षण लोगों को चौकने पर मजबूर कर देती हैं| साथ ही इसकी भुतिया कहानियों की वजह से भी लोग सबसे ज्यादा आते हैं|अग्रसेन की बावली एक संरक्षित स्मारक हैं और भारत के दर्शनीय स्थलों में से एक हैं| चलो आज आपको इस लेख में माध्यम से Agrasen ki Baoli से जुंड़े कुछ दिलचस्प कहानियों के बारे में बताते हैं|जिसे आप शायद ही जानते हो|

History of Agrasen ki Baoli (अग्रसेन बावली का इतिहास)

ये खुबसूरत Agrasen ki Baoli का निर्माण कब और किसे करवाया था| Agrasen ki Baoli के निर्माण की बात करे तो इसका कोई स्पष्ट रिकॉर्ड नहीं हैं लेकिन इतिहासकारों का कहना हैं कि इसका निर्माण महाभारत के समय के दौरान महाराजा अग्रसेन नामक अग्रोहा के महान राजा के द्वारा किया गया था| बाद में, 14वी शताब्दी में, इसे अग्रवाल समुदाय के लोगों द्वारा फिर से बनाया गया, जो महाराजा अग्रसेन के वंशज माने जाते हैं|बावड़ी की स्थापना की विशेषताओ में कुछ संकेत मिला हैं इसका पुनर्निर्माण तुगलक वंश(1321 – 1414) या लोधी वंश(1451 – 1526) में करवाया गया था|

कहा जाता हैं की अग्रसेन की बावड़ी एक जलाशय के रूप में नहीं बल्कि एक सामुदायिक स्थान के रूप में भी काम करने के लिए बनाई गई थी|बावली के शांत वातावरण ने उन्हें आराम करने और बाहर भीषण गर्मी से बचाने के लिए स्थापित किया गया था. बावली के धनुषाकार कक्षों का उपयोग विभिन्न धार्मिक कार्यो और समारोहों के लिए भी किया जाता था|

Agrasen ki Baoli, जिसकी लम्बाई 60 मीटर और चौड़ाई 15 मीटर हैं इसको चट्टानों और पत्थरों का उपयोग करके पूरी संरचना मलबे की चिनाई से बनाई गई हैं|बावड़ी का आयताकार आकार इसे दिल्ली की अन्य बावड़ियो से अलग बनाता हैं| जिन्हें गोल जलाशयों के रूप में बनाया गया था|

जहाँ पर आपको एक ही सीढ़ी देखने को मिलती हैं| 100 से अधिक सीढियाँ हैं जो आपको जल स्तर तक ले जाती हैं और जैसे-जैसे आप नीचे जाते हैं, वैसे-वैसे आपको तापमान में भी गिरावट देखने को मिलती रहेगी|

अग्रसेन की बावली के कुएं के अन्दर आत्मघाती काला पानी लोगों का दिमाग घुमा देता था और आत्महत्या करने के लिए भी ये काला पानी जाना जाता था|कहा जाता हैं कि कुएं में काला पानी था जिससे रहस्यमय तरीके से लोगों की मौत हो गई| इन कहानियों में कितनी सच्चाई हैं इसे तो हम भी नहीं जानते, लेकिन कुआ इस समय सुखा पड़ा हैं इसमें आत्महत्या की कोई सूचना नहीं मिली हैं|

एक और ऐसे अफवाह हैं जिसे जलाशय काला पानी था जिसने लोगों को इसमें कूदने और अपनी जान लेने के लिए मजबूर कर दिया|जैसे ही लोग सीढियों से पानी की और जाते हैं, तो ऐसा लगता हैं जैसे कोई अदृश्य शक्ति उन्हें अपनी और खींच रही हैं अब इनमे कौन सी बात सच हैं, कौन सी नहीं ये रिसर्च ही बता सकते हैं|

Agrasen ki Baoli Nearest Metro station

दोस्तों जब आप दिल्ली आये तो आपको अग्रसेन की बावली जरुर घुमाना चाहिए, इसके सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन राजीव चौक मेट्रो स्टेशन हैं यह यलो और ब्लू लाइन पर स्थित हैं और बावली से थोड़ी पैदल दूरी पर हैं| आप चाहे तो टैक्सी और ऑटो भी कर सकते हैं|

Agrasen ki Baoli Photos

जब भी आप अग्रसेन की बावली की फोटो खोजते हैं तो आपको गूगल पर उसी बहुत सी फोटोज देखने को मिले जाएगी, आप अपने आवश्कता के अनुसार सेव करे सकते हैं|

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FAQ Related Question & Answer- Agrasen ki Baoli

अग्रसेन की बावली की कहानी क्या हैं?

अग्रसेन की बावली 14 वी शताब्दी में अग्रवालों द्वारा इसका पुनर्निर्माण किया गया था, जिसका श्रेय महाराजा अग्रसेन को जाता हैं|

अग्रसेन की बावली की रहस्यमय कहानी क्या हैं?

कहा जाता हैं कि एक समय पर इस बावली में काला पानी हुआ करता था जो जो वहां पर आये हुए उदास और परेशान लोगो को अपनी और खींचता था, इसी के साथ ही रहस्यमय तरीको से ऐसे लोगो को डूबकर आत्महत्या करने का लाल दिया करता था|

अग्रसेन क्यों प्रसिध्द हैं?

उन्हें यज्ञों स=में पशुओ की बलि देने से मना करने में उनकी करुणा के लिए जाना जाता हैं|

अग्रसेन की बावली कितनी पुरानी हैं?

14 वी शताब्दी में, इसे अग्रवाल समुदाय के लोगों द्वारा फिर से बनवाया गया, जिन्हें महाराजा अग्रसेन के वंशज माना जाता हैं, इसका पुनर्निर्माण तुगलक वंश(1321- 14 14) या लोधी वंश (1451 – 1526) के दिल्ली पर शासन के दौरान किया गया था|

अग्रसेन की बावली विकिपीडिया का निर्माण किसने किया था?

वर्तमान संरचना 14वी शताब्दी में अग्रवाल समुदाय द्वारा बनाई गई थी|

अग्रसेन की जाति क्या थी?

महाराजा अग्रसेन एक सूर्यवंशी क्षत्रिय राजा थे जिनका जन्म महाभारत महाकाव्य युग में द्वापर युग के अंतिम चरण में हुआ था, वो भगवान कृष्ण के समकालीन थे|

अग्रसेन की माता का नाम क्या था?

अग्रसेन की माता का नाम बगवती देवी हैं|

अग्रसेन नाम का मतलब क्या होता हैं?

संस्कृत में अग्रसेन का अर्थ हैं, खेतों का स्वामी, नेतृत्त्व और कृषि का प्रतिनिधित्व करता हैं|

अग्रसेन का जन्म कब हुआ था?

महाराजा अग्रसेन का जन्म लगभग पांच हजार साल पहले प्रताप नगर के राजा बल्लभ के यहाँ हुआ था, बो बचपन से ही मेधावी और तेजस्वी थे| राजा वल्लभ के अग्रसेन और शूरसेन नाम के दो बेटे हुए|अग्रसेन महाराजा बल्लभ के बड़े बेटे थे|

Conclusion/निष्कर्ष

दोस्तों आपने Agrasen ki Baoli, के बारे में जरुर पढ़ा होगा, इसमें हमने आपको Agrasen ki Baoli, से रिलेटेड अधिक से अधिक जानकारी देने की कोशिश की हैं|और हम आशा करते हैं कि आपको ये लेख पसंद आया होगा|यदि आपको पसंद आये तो आप अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते हैं|मैं आपका अपना दोस्त धर्मराज/ Dharamraj