नमस्कार दोस्तों, आज के इस लेख में केदारनाथ बाबा मंदिर के बारे में कुछ जरुरी बात करने वाले हैं| वैसे तो केदारनाथ/Kedarnath के बारे में आप लोगो को पता ही होगा, लेकिन इस लेख हम आपसे कुछ और जरुरी बात करेंगे| जिसे आप शायद जानते होगा| यदि आपको इसके बारे में नहीं बता हैं तो इस लेख को पढने के बात आपको जानकारी को हो जाएगी|

केदारनाथ मंदिर, जो उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में मंदकिनी नदी के किनारे स्थित हैं ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित हैं जो 12 ज्योतिष लिंगो में से एक हैं| केदारनाथ मंदिर चार धाम में भी पंच केदार का भी हिस्सा हैं|
Kedarnath मंदिर 6 महीने तक खुला रहता हैं और 6 महीने तक बंद रहता है लेकिन इसकी खास बात ये हैं कि 6 महीने दीपक जलता रहता हैं और मंदिर बंद रहता हैं| मंदिर को जैसे साफ करके छोड़ते हैं ठीक वैसे ही 6 महीने बाद साफ मिलता हैं|

History of Kedarnath Temple| केदारनाथ मंदिर का इतिहास
दोस्तों ये वाही केदारनाथ मंदिर हैं जिसका निर्माण पांडवो ने करवाया था पुराण कथा के अनुसार हिमालय के केदार श्रंगार पर भगवान विष्णु के अवतार महातपस्वी नर और नारायण ऋषि तपस्या करते थे| उनकी आराधना से प्रसन्न होकर भगवान शंकर प्रकट हुए और उनके प्रार्थनानुसार ज्योतिर्लिंग के रूप में सदा वास करने का वर प्रदान किया जो केदारनाथ पर्वतराज हिमालय के केदार नामक श्रृंग पर स्थित हैं |
अगर Kedarnath मंदिर की दीवारों की बात करे तो 85 फुट ऊँचा, 187 फुट लम्बा और 80 फुट चौड़ा हैं इसकी दीवार 12 फुट मोटी हैं जो बेहद मजबूत पत्थरो से बनाई गई हैं|इस मंदिर को 6 फुट ऊँचे चबूतरो पर खड़ा किया गया हैं|इसमें आश्चर्य की बात यह हैं कि इतने भारी पत्थरो को ऊंचाई तक ला के तराशकर कैसे मंदिर की शक्ल दी गई होगी|

ये मंदिर गिरिराज हिमालय की केदार नामक चोटी पर स्थित हैं जो देश के बारह ज्योतिर्लिंग में सर्वोच्च ज्योतिर्लिंग हैं Kedarnath धाम और मंदिर तीन तरफ से पहाड़ो से घिरा हैं| एक तरफ हैं करीब 22 हजार फुट ऊँचा केदारनाथ, दूसरी तरफ हैं 21 हजार 600 फुट और तीसरी तरफ हैं 22 हजार 700 फुट ऊँचा हैं|
यहाँ पर तीन पहाडियों नहीं बल्कि पंचा नदियों का संगम भी हैं – मंदाकिनी, मधुगंगा,क्षीरगंगा, सरस्वती और स्वर्णगौरी| इन नदियों में से कुछ का अब अस्तित्व नहीं रहा, लेकिन अलकनंदा की सहायक मंदाकिनी आज भी मौजूद हैं| इसी के किनारे हैं केदारनाथ धाम| यहाँ पर सर्दियों में भारी बर्फ और बारिश में जबरदस्त पानी रहता हैं|
Best Time to Visit Kedarnath| केदारनाथ घुमाने का सही समय
अगर आप केदारनाथ मंदिर घुमाने आते हैं या घुमने की सोच रहे हैं कि किस समय आये तो आप बिल्कुल सही लेख पर आये हैं|केदारनाथ घमने के लिए आपको सबसे अच्छा समय मई से जून और सितम्बर से अक्टूबर के बीच का होता हैं| दौरान मौसम सुहावना रहता है और तापमान माध्यम रहता हैं जो ट्रेकिंग और मंदिर के दर्शन के लिए आदर्श हैं|
यदि आपको भीड़ से बचाना हैं तो सितम्बर – अक्टूबर का समय बेहतर हैं| लेकिन यदि आपको ट्रेकिंग और दर्शन का आनंद लेना चाहते हैं तो मई – जून का समय अच्छा हैं|

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Kedarnath Opening Date 2025| केदारनाथ खुलने का सही समय
वैसे तो Kedarnathकेदारनाथ मंदिर 6 महीने खुला और 6 महीने बंद रहता हैं लेकिन आमतौर पर मई से सितम्बर तक खुला रहता हैं लेकिन भारी सर्दियों के महीनों में भारी बर्फ़बारी के कारण बंद रहता हैं ये 2 मई को खोले गए थे और 6 महीने बाद बंद हो जायेगें|
केदारनाथ यात्रा के लिए सही समय मई- जून और सितम्बर से अक्टूबर के बीच माना जाता हैं|
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FAQ related Question & Answer
केदारनाथ मंदिर की विशेषता क्या हैं?

केदारनाथ 12 ज्योतिर्लिंगो में से एक हैं इस मंदिर की एक खास विशेषता ये हैं कि वर्ष के 6 महीने तक फाटक खुला और 6 महीने बंद रहता हैं|
केदारनाथ मंदिर का इतिहास क्या हैं?
केदारनाथ मंदिर चार धामों में से एक हैं और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित हैं| हिमालय क्षेत्र में स्थित होने के कारण सर्दियों में 6 महीने के लिए बंद रहता हैं|
केदारनाथ इतना फेमस क्यों हैं?
केदारनाथ भगवान शिव को समर्पित हैं जिसे ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता हैं|
केदारनाथ में किस महीने में सबसे कम भीड़ होती हैं?

केदारनाथ मंदिर में सितम्बर से अक्टूबर में सबसे कम भीड़ होता है |
केदारनाथ किस महीने में जाना चाहिए?
केदारनाथ जाने का सबसे अच्चा समय मई से जून और सितम्बर से अक्टूबर के बीच हैं |
केदारनाथ का टिकट कितने का हैं?
60 किलो वजन तक गौरीकुंड से केदारनाथ आने व् जाने का 14 हजार रूपये किराया तय किया हैं|
Conclusion/निष्कर्ष
दोस्तों इस लेख में हमें आपको केदारनाथ/Kedarnath के संबध में कुछ जरुरी बात की हैं जो आपको टूर घुमने के लिए सबसे ज्यादा मदद करेगा|इसमें हमने आपको केदारनाथ कब आना चाहिए कब नहीं आना चाहिए उसके बारे में भी बताया हैं|अगर आपको ये लेख पसंद आया हो तो आप अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते हैं ध्यानवाद|