अगर आप वीकेंड को बिताने के लिए कोई ऐसा स्थान खोज रहे हैं तो आपको आज हमएक ऐसे डेस्टिनेशन की बात करेंगे| जहाँ पर आप वीकेंड में घूम सकते हैं| ऐसे बहुत से कारण है जिसके लिए आपको Kausani की यात्रा जरुर करनी चाहिए| उत्तराखंड राज्य के बागेश्वर जिले में स्थित एक हिल स्टेशन और गाँव हैं| कौसानी को महात्मा गाँधी ने भारत का स्विट्ज़रलैंड कहा हैं| ये हिल स्टेशन एकदम से स्वर्ग हैं|कौसानी हिमालय की कुछ सबसे ऊँची चोटियों जैसे नंदा देव और पंच चूली के 300 किमी के प्राक्रतिक नजारों के लिए काफी मशहूर हैं| कहते हैं कि वीकेंड में घुमने के लिए कौसानी सबसे अच्छी जगहों में से एक हैं|

कौसानी दिल्ली से कितनी दूरी पर हैं

कौसानी/Kausani जो अपने बेहद शांत और प्राचीन प्राकृतिक सुन्दरता के लिए जाना जाता हैं ऐसे लोगो जो प्राकृतिक की सुन्दरता और शांति से आकर्षित होते हैं उनके लिए कौसानी सबसे खुबसूरत डेस्टिनेशन में से एक हैं जो दिल्ली के पास में पड़ता हैं| दिल्ली से इसकी दूरी मात्र 412 किमी हैं जो हिल स्टेशन उत्तराखंड में हैं.चीढ़ के पेड़ों से घिरा कौसानी प्रकृति की सैर करने के लिए एक अच्छी जगह हैं|जहाँ पर आपको जंगलो के बीच बेहद शांति का अनुभव करेंगे|
ट्रेकिंग के लिए कौसानी एक स्वर्ग हैं-

प्राकृतिक से प्रेम करने वाले के लिए कौसानी एक खजाना हैं यहाँ पर आप रुद्रधारी फाल्स और गुफाओं के आनंद ले सकते हैं ऊंचाई के ट्रेक पर आप कस्तूरी हिरण, नीली भेड़ और हिम तेंदुए जैसे जानवरों को देख सकते हैं Kausani में कफनी ग्लेशियर, बैजनाथ मंदिर, पिन्नाथ, पिंडारी और सुन्दरधुंगा ग्लेशियर कौसानी के पास स्थित हैं|
आश्रमों की अनोखी बाते हैं-
कौसानी में कुछ ऐसे आश्रम हैं जो अनाथो के लिए खुले हुए है जिसका कोई नहीं उनका ये आश्रम सब कुछ है. कौसानी में आपको लक्ष्मी आश्रम और अनाशक्ति आश्रम मिलेगे|लक्ष्मी आश्रम 1964 में बनाया गया था जो आज भी लडकियों के लिए एक अनाथालय हैं. इसके के ठीक बगल में गाँधी आश्रम भी हिं जिसे अनाशक्ति आश्रम भी कहते हैं| यह मुख्य रूप से महात्मा गाँधी को श्रध्दाजली देने के रूप में बनाया गया एक सग्रहालय हैं|गाँधी एक बार कौसानी आये थे और उन्हें भी यहाँ की प्राकृतिक सुन्दरता से प्यार हो गया था|
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Best Time to Visit Kausani

अगर आप Kausani घुमने की सोच रहे हैं तो आपको ये भी पत्ता करना होगा कि किस समय में Kausani घुमाने जाना चाहिए| कौसानी घुमने के लिए अप्रैल से जून आदर्श महीने हैं जब गर्मियों के महीने सुखद तापमान के साथ होते है. कौसानी में अक्टूबर से फरवरी तक बर्फ़बारी होती हैं| दिसम्बर से मध्य फरवरी के महीनों में कौसानी बर्फ की चादरों से ढाका होता हैं| आपको जिस भी महीने में आना हो आ सकते हैं|
FAQ Related Questions & Answers
कौसानी के इतिहास क्या हैं?

कौसानी का इतिहास बहुत रोचक हैं| यह पहले वलना के नाम से जाना जाता था. 1929 में महात्मा गाँधी ने यह अनाशक्ति योग पर अपनी रचना पूरी की, जिसके बाद यह स्थान प्रसिद्ध हो गया कौसानी को भारत का स्विट्ज़रलैंड भी कहा जाता हैं| ये नाम महात्मा गाँधी ने ही दिया था|
कौसानी क्यों प्रसिद्ध हैं?
यह अपने प्राकृतिक सौन्दर्य और त्रिशूल, नन्दादेवी और पंच चूली जैसी हिमालय की चोटियों के 300 किलोमीटर चौड़े मनोरम दृश्य के लिए जाना जाता हैं|
कौसानी की तुलना स्विट्ज़रलैंड से क्यों की गई हैं?
यहाँ पर महात्मा गाँधी आए थे और तब राष्ट्रपिता ने कौसानी/kausani की तुलना स्विट्ज़रलैंड से की थी.उन्होंने कौसानी को मिनी स्विट्ज़रलैंड का नाम दिया था|
कौसानी में कौन सी नदी बहती हैं?

कौसानी में गोमती नदी बहती हैं जो कौसानी के प्रसिद्ध हिंदी कवि सुमित्रा नंदन पंत का जन्मस्थान भी हैं|
कौसानी का अर्थ क्या होता हैं?
भारत के उत्तराखंड राज्य के बागेश्वर जिले में स्थित एक हिल स्टेशन और गाँव हैं|
कौसानी का पुराना नाम क्या हैं ?

कौसानी का विचित्र पहाड़ी शहर वलना के नाम से जाना जाता था|
Conclusion – निष्कर्ष
दोस्तों हमने आपको Kausani के बारे में बताया हैं जो उत्तराखंड का एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन हैं यहाँ पर वीकेंड में घुमने के लिए बहुत ही अच्छी जगह हैं अगर आप प्राकृतिक से जुड़े हैं तो ये स्थान आपको शहर के शोर शराबे से दूर ले जाएगी|हम आशा करते हैं कि ये लेख पसंद आया होगा| ध्यानवाद