Chamoli District, उत्तराखंड राज्य का एक बहुत ही सुन्दर और खुबसूरत जिला हैं जिसका नाम चमोली हैं ये अपने प्राकृतिक सुन्दरता और धार्मिक महत्त्व के लिए जाना जाता हैं यह जिला मध्य हिमालय में स्थित हैं| जो अलकनंदा नदी के किनारे बद्रीनाथ मार्ग पर स्थित है|चमोली एक संस्कृत शब्द ” चंद्रमोली ” से लिया गया हैं जिसका अर्थ हैं वह जो अपने सर पर चन्द्रमा को धारण करता है अर्थात “भगवान शिव ” हैं|

चमोली की प्राकृतिक सुन्दरता पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती हैं इसलिए यहाँ पर बहुत से पर्यटक इसकी सुन्दरता को देखने के लिए आते है|Chamoli में कई स्थान रहने की सुविधा प्रदान करता है इस जगह को चाती कहा जाता हैं| चाती एक प्रकार की झोपड़ी होती हैं जो अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है|
अलकनंदा नदी Chamoli की सबसे प्रसिद्ध नदी हैं जो तिब्बत की जासकर श्रेणी से निकलती हैं| चमोली जिले को सन 1960 में पौड़ी गढ़वाल से अलग करके बनाया गया था| इसक क्षेत्रफल लगभग 8030 वर्ग किमी हैं|
गर्मी के समय में यहाँ का वातावरण और भी आनंदित हो जाता हैं Chamoli District का क्षेत्रफल उत्तराखंड राज्य के अन्य सभी जिलों की अपेक्षा सबसे ज्यादा बड़ा हैं यानि क्षेत्रफल में उत्तराखंड का सबसे बड़ा जिला चमोली हैं|

Chamoli District, चमोली जिले का मुख्यालय गोपेश्वर नगर में स्थित है जिसके लिए प्रशासनिक कार्यो के लिए जिलो को 12 तहसील में बांटा गया हैं|जो इस प्रकार से हैं – चमोली तहसील, जोशीमठ तहसील, पोखरी तहसील, कर्णप्रयाग तहसील, गैरसैण तहसील, थराली तहसील, देवाल तहसील, जिलासू तहसील, नंदप्रयाग तहसील, नारायण बगड़ तहसील, आदिबद्री तहसील और नंदानगर तहसील हैं|
इसके आलावा विकासखंडो को 9 भाग में बाँटा गया हैं- दशोली,जोशीमठ, नंदानगर, पोखरी, कर्णप्रयाग, गैरसैण, नारायण बगड़, थराली और देवाल आदि हैं ये गढ़वाल क्षेत्र के अन्दर गर्त आता हैं|
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चमोली में घुमने के लिए आकर्षित जगह -Chamoli Attraction Place

Chamoli में अगर आप एक पर्यटक के रूप में आते है कि चलो Chamoli घुमने चलते हैं तो आपको यहाँ के कुछ ऐसे स्थान हैं जो चमोली जिला के आसपास पर्यटकों को घूमने लायक स्थान हैं
बद्रीनाथ – Badrinath
बद्रीनाथ मंदिर उत्तराखंड का नहीं बल्कि देश के प्रमुख धार्मिक स्थालों में से एक हैं ये मंदिर चार धामों में से एक धाम हैं. श्री बद्रीनाथ मद्निर में भगवान विष्णु को समर्पित हैं इसकी स्थापना शंकराचार्य ने की थी, इसके बाद इसका निर्माण दो शताब्दी पूर्व गढ़वाल राजाओं ने करवाया था|बद्रीनाथ मंदिर तीन भागो में विभाजित है- गर्भ गृह, दर्शन मंडल और सभा मंडप|
बद्रीनाथ को पुराणों में नर नारायण आश्रम भी कहा गया हैं क्योंकि बद्रीनाथ के ठीक पीछे नारायण पर्वत हैं इन दो पर्वतों के मध्य में बद्रीनाथ धाम स्थित हैं| बद्रीनाथ मंदिर के ठीक नीचे अलकनंदा नदी से ठीक ऊपर एक तप्त कुंड हैं जिसमें हर समय गर्म जल की धारा बहतीरहती हैं इस कुंड में स्नान के लिए पुरुष और महिलाओं के लिए अलग- अलग स्थान बने हुए हैं|
बद्रीनाथ मंदिर के द्वार प्रतिवर्ष अप्रैल या मई के महीने में खुलते हैं उसके बाद यहाँ भक्तो की काफी भीड़ देखने को मिलती हैं मंदिर का द्वार नवम्बर के अंतिम सप्ताह में बंद होते हैं|
तपकुंड – Tapkund
यह तपकुंड अलकनंदा नदी के किनारे पर तप कुंडस्थित हैं इस कुंड का पानी इतना गर्म होता हैं कि इस मंदिर में प्रवेश करने से पहले इस गर्म पानी से स्नान करना जरुरी होता है| इसमें पुरुष और महिला के लिए अलग- अलग स्थान हैं|
हेमकुंड साहिब – Hemkund Sahib
हेमकुंड साहिब जोशीमठ से लगभग 30 किमी की दूरी पर स्थित हैं हेमकुंड को स्त्रो लेक के नाम से भी जाना जाता हैं यहाँ बर्फ से ढके सात पहाड़ो से घिरा पर्वत हैं जिसे हेमकुंड पर्वत के नाम से जाना जाता हैं| इस पर्वत के मध्य एक स्वच्छ जल की झील हैं जिसक पानी साफ एवं स्वच्छ हैं इस झील से हिमगंगा नामक एक छोटी नदी निकलती हैं|
गोपेश्वर – Gopeshwar
गोपेश्वर में सबसे अधिक सरकारी कार्यालय स्थित हैं जहाँ से पुरे जिले का संचालन होता हिं इसके साथ-साथ गोपेश्वर एक ऐसा पर्वतीय नगर है जहाँ पर ना अत्यधिक ठण्ड पड़ती हैं ना अत्यधिक गर्मी|
यहाँ से थोड़ा ऊपर जाने पर हिमालय के साक्षात् दर्शन होते हैं गोपेश्वर हिमालय की गोदी में बसा ऐसा पर्वतीय नगर है जो प्राकृतिक सुन्दरता के लिए विख्यात हैं गोपेश्वर के समीप गोपीनाथ महाराज के एक विशाल मंदिर हैं| यहाँ पर वर्षभर अनेक भक्त दर्शन के लिए आते रहते हैं |
फूलों की घाटी – Valley of Flowers

फूलों की घाटी एक बहुत ही प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान हैं जो उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित हैं|ये अपने विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों के लिए जाना जाता हैं| ये नन्दा देवी बायो स्फियर रिजर्व का हिस्सा था|जिसे 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था| जिसे 2005 में यूनेस्को के द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया हैं|
यह घाटी अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए जाना जाता है जिसमें आपको 500 से अधिक प्रकार के फुल देखने को मिल जायेंगे जो अगल – अलग मौसल में खिलते है| फूलों की घाटी घुमने का सबसे अच्छा समय जुलाई से सितम्बर के बीच होता हैं इस समय सबसे अधिक फूल खिले होते हैं|
औली – Auli

यहाँ के नेचुरल ब्यूटी तथा बर्फ से ढके पहाड़, जंगली फुल, हरी-भरी वनस्पतियाँ आपका मोह लेती हैं|इसलिए औली को भारत का मिनी स्विट्जर्लैंड कहाँ जाता हैं| औली में घुमने लायक जगहों में से एक हैं, छात्रकुंड झील, नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान, तथा कुछ दर्शनीय स्थान व पहाड़ भी हैं|
How to Reach Chamoli – चमोली कैसे पहुंचे
रेल मार्क से – Railway Road
रेल मागे से आने के लिए आपको सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन से ऋषिकेश हैं जहाँ से आप दिल्ली से रेल द्वारा आप ऋषिकेश या हरिद्वार पहुच सकते हैं वहां से आप टैक्सी या बस पकड़ कर पहुच सकते हैं|
हवाई अड्डा से
यदि आप हवाई मार्ग से आते हैं तो सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जोलीग्रांट हैं यह चमोली से 221 किमी की दूरी पर स्थित हैं|
सड़क मार्ग से
अगर आप सड़क मार्ग से आते हैं तो देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, नैनीताल और अल्मोड़ा सभी जगह से चमोली के लिए बस चलती हैं जो आपको चमोली तक पंहुचा देंगे|
Conclusion – निष्कर्ष
चमोली जिला के बारे में जानकारी की कोशिश की हैं| हम आशा करते हैं कि इस लेख को आपने पढ़ा होगा| इससे आपको Chamoli जिले में सम्बंधित जानकारी मिली होगी|ये जानकरी आपको पंसद आया होगा| अगर आप का कोई यार दोस्त हैं जो Chamoli जिले के बारे में जानकारी चाहता हैं तो आप उसे शेयर कर कर सकते हैं| ध्यानवाद