Qutub Minar Timing and All About Important Thing हिंदी में

भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित कुतुबमीनार को कौन नहीं जनता हैं|जब भी आप दिल्ली आये तो आपको बहुत से ऐसे चीजे देखने को मिलेंगी| जिसकी आपने कल्पना नही किया होगा, उसी में से एक Qutub Minar हैं|कुतुबमीनार पर्यटकों के लिए बहुत ही अच्छी जगह हैं|जहाँ पर बहुत से पर्यटक घुमने और इसकी ऊँचाई को देखने के लिए आते हैं| बचपन में हम लोगो ने कुतुबमीनार के बारे में सिर्फ किताबो में बढ़ा था लेकिन आज हम इसके बारे में कुछ और बताने वाले हैं. कुतुबमीनार का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से 1193 में क़ुतुब उद दीन ऐबक ने शुरू करवाया था लेकिन उनके निर्धन के बाद उनके उनके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने इस निर्माण को पूरा करवा|

ये दुनिया की एक ऐसी इमारत हैं जिसे ईटों से तैयार किया गया हैं ये इमारत 5 मंजिले का हैं, इसके हर मंजिल पर आपको गैलरी देखने को मिलेगा|इस इमारत को तैयार करने में बहुत से रूकावट आई लेकिन इसे तैयार कर ही दिया गया|अब ये इमारत वर्ल्ड हेरिटेज में सामिल हो गया हैं|

History of Qutub Minar|क़ुतुब मीनार का इतिहास

Qutub Minar की निर्माण की शुरुवात क़ुतुब उद दीन ऐबक ने 1193 में किया था लेकिन कुछ समय बाद इनका निर्धन हो गया|तो कुछ समय तक ऐसे ही पड़ा था फिर उनके उत्तराधिकारी उनके दामाद ने शम्सुद्दीन इल्तुतमिश ने तीन और मंजिले को जोड़ा, उसके बाद फिरोजशाह तुगलक ने इसे पांचवा और आखिरी मंजिल को बनवा कर 1368 में पूरा करवाया|

Qutub Minar की ऊँचाई 72.5 मीटर(लगभग 237 फूट) हैं इसमें लगभग 379 सीढ़िया हैं जो आपको मीनार के ऊपर लेकर जाती हैं अब ये कुतुब मीनार को 1993 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया गया था.लाल ईटों से बनी ऊँची इमारत को बनाना आसान नहीं था इसे एक नहीं बल्कि, तीन बार में बनाया गया हैं|

क़ुतुब मीनार के पास एक मस्जिद भी हैं, जिसे भारत की पहली क्वातुल इस्लाम मस्जिद के नाम से जाना जाता हैं| कहा जाता हैं कि यह मस्जिद हिन्दुओं के 27 मंदिर तोड़ने के बाद इसके बचे अवशेषों से बनाई गई हैं|हालाकिं, इसमें कितनी सच्चाई हैं, कोई नहीं जनता|

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क़ुतुब मीनार देखने में जितना सुन्दर हैं यह उतना खतरनाक भी हैं कई साल पहले इस मीनार नेकई लोगो की जान ले ली| दरअसल, बात 1974 की हैं|उस समय क़ुतुब मीनार में आम जनता को एंट्री दी जाती थी|लेकिन 4 दिसम्बर 1981 में लोगों के साथ एक ऐसा भयानक हादसा हुआ कि भगदड़ मच गई और 45 लोगों की मौत भी हो गई|तभी से इसे बंद कर दिया गया|

Qutub Minar Timing|क़ुतुबमीनार का समय

Qutub Minar में प्रवेश करने का समय सुबह 7: 00 बजे से शाम 5:00 बजे तक रहता हैं लेकिन रात्रि पर्यटकों की संभावनाओ को बढ़ाने के लिए सरकार ने स्मारक की रात्रि कालीन खोज भी शुरू की हैं जहाँ पर पर्यटक शाम के 8:00 बजे से 10: 00 बजे तक घूम सकते हैं|

Qutub Minar Ticket|क़ुतुबमीनार में प्रवेश टिकट

दोस्तों यदि आप कुतुबमीनार घुमाने आते हैं तो आपको इसमें प्रवेश लेने के लिए कुछ चार्ज देना पड़ेगा जिसे टिकट कहते हैं इसमें भारतीय नागरिकों के लिए 35 रूपये और विदेशी पर्यटकों के लिए 550 रूपये हैं|लेकिन यदि कोई भी बच्चा 15 वर्ष से कम हैं तो उसका नि: शुल्क प्रवेश हैं|

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FAQ Related related Question & Answer

क़ुतुब मीनार की कहानी क्या हैं ?

क़ुतुब मीनार, लाल बलुआ पत्थर से बनी एक मीनार हैं, जो अंतिम हिन्दू साम्राज्य की हर के बाद इस्लाम की जीत की घोषणा करने के लिए बनाई गई थी| Qutub Minar की निर्माण की शुरुवात क़ुतुब उद दीन ऐबक ने 1193 में किया था

क़ुतुब मीनार 40 साल से क्यों बंद हैं?

1974 में जब क़ुतुब मीनार में आम लोगों को एंट्री दी जाती थी लेकिन 4 दिसम्बर 1981 में लोगों के साथ एक भयानक हादसा हुआ, जिसकी वजह से अन्दर भगदड़ मच गई और करीबन 45 लोगो की मौत हो गई|

Qutub Minar के बारे में आप क्या जानते हैं?

क़ुतुब मीनार का निर्माण की शुरुवात क़ुतुब उद दीन ऐबक ने 1193 में किया था | फिरोजशाह तुगलक ने इसे पांचवा और आखिरी मंजिल को बनवा कर 1368 में पूरा करवाया| जिसकी ऊँचाई 72.5 मीटर हैं|

क़ुतुब मीनार कैसे टुटा था|

4 दिसम्बर 1981 को क़ुतुब मीनार के अन्दर बालकनी पर पर्यटक चढ़ रहे थे तभी अन्दर बिजली कट गई और अंधेरे में भगदड़ मच गई| 45 लोगो की जान चली गई| तभी टुटा था|

क़ुतुब मीनार का दूसरा नाम क्या हैं?

क़ुतुब मीनार का दूसरा नाम विष्णु स्तंभ हैं|

क़ुतुबदीन ऐबक की मृत्यु कैसे हुई थी?

क़ुतुबदीन ऐबक की मृत्यु 1210 ईस्वी में एक पोलो मैच के दौरान हुई| वह अपने घोड़े से गिर गया और उसके गंभीर चोटें आई, जिससे उसकी मृत्यु हो गई|

क़ुतुब मीनार लाइट शो का टाइमिंग क्या हैं?

ये ऐतिहासिक लाइट शो का तमाश शाम को 8 बजे से 8:15 PM तक रहता हैं?

क़ुतुब मीनार की एंट्री फ़ीस कितनी होती हैं?

Qutub Minar के लिए टिकट की कीमत भारतीय नागरिको के लिए 35 रूपये और विदेशी पर्यटकों के लिए 550 रूपये हैं|

Qutub Minar सुबह कितने बजे खुलता हैं?

क़ुतुब मीनार सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता हैं|

क़ुतुब मीनार में कितनी सीढियाँ हैं?

क़ुतुब मीनार में कुल 379 सीढियाँ हैं|

क़ुतुब मीना की लगभग ऊँचाई कितनी हैं?

क़ुतुब मीनार की ऊँचाई लगभग 72.5 मीटर हैं|

विश्व की सबसे ऊँची मीनार कौन सी हैं?

विश्व की सबसे ऊँची मीनार बुर्ज खलीफा हैं, जो दुबई में स्थित हैं|इसकी ऊँचाई 828 मीटर(2717 फीट) हैं यह दुनिया की सबसे ऊँची इमारत भी हैं|

भारत की सबसे ऊँची मीनार कौन सी हैं?

क़ुतुब मीनार भारत की सबसे ऊँची इमारत में से एक हैं जो ईंटो की बनी हैं|जिसे क़ुतुब उद दीन ऐबक ने 1193 में निर्माण शुरू किया था|

Conclusion|निष्कर्ष

कुतुबमीनार के बारे में आपने कई बार पढ़ होगा लेकिन इसमें आपको हमने कुतुबमीनार से रिलेटेड सभी चीजों को एक ही स्थान पर देने की कोशिश की है|ताकि लोगो का समय बच सके, क्यों की भाई समय फिर से वापस नहीं आये|आपको हर चीज के लिए अलग-अलग वेबसाइट पर ना जाना पड़े|हम आपसे आशा करते हैं कि आपको ये लेख पसंद आया होगा| यही आपका कोई दोस्त इस प्रकार से पढ़ना चाहता हैं तो आप उसे भी शेयर कर सकते हैं|ध्यानवाद, मैं आपका अपना दोस्त Dharamraj/धर्मराज|